12 घंटे के लिए खाली हो जाता है पूरा गांव, गजब है बिहार के इस गांव की परंपरा 

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पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडल स्थित थरुहट क्षेत्रों में सदियों से एक ऐसी परंपरा चलती आ रही है, जो अपने आप में बेहद अनोखी और रोमांचकारी है. आज के इस आधुनिक दौर में भी प्रकृति को अपना ईष्ट और रक्षक मानते हुए किस प्रकार उसके सम्मान में 12 घंटे गुजारे जाते हैं, इसका अद्वितीय उदाहरण बिहार का दिल कहे जाने वाले थरुहट क्षेत्र में देखने को मिलता है   Read More ...

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