रक्षा खरीद फास्ट ट्रैक मोड पर, एक हफ्ते में मंजूरी भी डील भी

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ATAGS GUN FOR ARMY: कारगिल की लड़ाई के बाद कभी एसा मौका ही नही आया जब तोपों का इतने बड़े पैमाने में इस्तेमाल किया गया हो. भविष्य में ऐसा नहीं होगा यह कहना गलत है. लेहाजा लेकिन दो तरफा लड़ाई की नौबत आने पर हमारी आर्टिलेरी गन माकूल जवाब दे सके इसकी तैयारी है. मसलन जिसमें 145 अल्ट्रा लाईट होवितसर भारतीय सेना में शामिल की जा चुकी है. 1580 टोड तोप जो की गाड़ियों के जरिये खींची जाने वाली तोपों को शामिल करना है. 814 ट्रक माउंटेड गन, 100 तोपें ट्रैक्टड सेल्फ प्रोपेल्ड K-9 वज्र की खरीद की जा चुकी है. 100 अतिरिक्त गन की खरीद प्रक्रिया जारी है. 180 विल्ड सेल्फ प्रोपेल्ड गन को प्लान के मुताबिक सेना में शामिल करना है. अगर हम पाकिस्तान और चीन की आर्टिलरी तोपों की मारक क्षमता और संख्या की बात करे तो पाकिस्तान के पास 3000 के आसपास तोपें है लेकिन किसी की भी मारक क्षमता 30 किलोमीटर से ज्यादा नहीं है. चीन के पास 7000 से भी ज्यादा आर्टिलेरी गन है और वो मारक क्षमता में हमारे बराबर ही है.   Read More ...

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