VIDEO: लॉर्ड्स में क्यों टीम इंडिया अंतिम दिन नहीं बना पाई 135 रन?

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लॉर्ड्स. भारत को लॉर्ड्स टेस्ट में 22 रनों से हार मिली है. इसी के साथ सीरीज में इंग्लैंड ने 2-1 की बढ़त कायम कर ली है. टीम इंडिया को 193 रनों का लक्ष्य मिला था, रवींद्र जडेजा अंत तक क्रीज पर टिके रहे, लेकिन उन्हें बल्लेबाजी में अन्य खिलाड़ियों का साथ नहीं मिल पाया. किसी योद्धा की तरह लड़े जडेजा ने 61 रनों की पारी खेली. 82 रनों पर 7 विकेट गिरने के बाद भी टीम इंडिया मैच में बनी रही, जिसका पूरा योगदान जडेजा को जाता है. फिर भी आखिर टीम इंडिया कैसे हार गई? यहां जानिए लॉर्ड्स टेस्ट में बने भारत की हार के तीन सबसे बड़े विलेन के बारे में यह एक फैक्ट है कि जिस टीम का कप्तान आत्मविश्वास से भरा हो, उस टीम के अन्य खिलाड़ी भी आत्मविश्वास से भरे नजर आने लगते हैं. मगर लॉर्ड्स टेस्ट में कप्तान शुभमन गिल दबाव में नजर आए, जिन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर सिर्फ 22 रन बनाए. दूसरी पारी में गिल ने 9 गेंदों का सामना किया, जिनमें वो आधे से ज्यादा गेंदों पर बीट हुए थे. चौथे दिन इंग्लैंड की दूसरी पारी 192 रनों पर समाप्त हो गई थी. लॉर्ड्स की पिच बल्लेबाजी के लिए कठिन हो चुकी थी, चौथे दिन स्टंप्स तक भारत के 4 विकेट गिर चुके थे. दरअसल तीन विकेट गिरने के बाद टीम इंडिया ने आकाशदीप को नाइट वॉचमैन के तौर पर बैटिंग करने भेजा था, जो दिन के आखिरी ओवर में क्लीन बोल्ड हो गए. नाइट वॉचमैन भेजना ही सबूत था कि टीम इंडिया डिफेंसिव मोड में आ गई है. चौथे दिन के अंत में ऋषभ पंत, नितीश कुमार रेड्डी या वाशिंगटन सुंदर को भी बैटिंग के लिए भेजा जा सकता था. चौथे दिन इंग्लैंड के गेंदबाज मैच पर पूरी तरह हावी होने लगे थे, इस मूव पर काउंटर अटैक करने के लिए भारत को किसी बल्लेबाज को बैटिंग करने भेजना चाहिए था.भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल अब तक सीरीज की चार पारियों में 220 रन बना चुके थे, जिनमें एक शतक और एक हाफ-सेंचुरी भी शामिल रही. अब बारी थी लॉर्ड्स टेस्ट की, जहां की पिच अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों की परीक्षा लेने के लिए जानी जाती है. इस परीक्षा में जायसवाल फेल रहे हैं क्योंकि लॉर्ड्स टेस्ट की दोनों पारियों में वो सिर्फ 13 रन बना पाए. उनके ना चलने से अन्य भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव आया.   Read More ...

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